*घोड़ाडोंगरी मे सट्टे की लत ने बदले स्थान कर रहे जिंदगियां बर्बाद, डॉ. जाकिर शेख़*
*घोड़ाडोंगरी:* “सट्टा तस्करों से पूछिए अगर विश्वास खुद पर हों तो बिगड़ी हुई किस्मत भी जिंदगी में चार चांद लगा देती है, बस अंकों की मजबूती के साथ पुलिस की मेहर जरूरी है” चुके रोमांच और सादगी के कारण इस अंकों की खेल ने अपार लोकप्रियता हासिल की है। चुके कभी
चोरी-छिपे चलने वाला सट्टा बाजार आजकल कानून की ढीली पकड़ के चलते खाईवाल रानीपुर, घोड़ाडोंगरी नगर एवं क्षेत्र में संचालित हो रहा है। जगह बदल बदल कर ओपन, क्लोज का चर्चित खेल। जिस प्रकार सब कुछ ओपन हो रहा है उससे यही प्रतीत होता है कि प्रमुख खाईवाल को कानून का कोई खौफ नहीं रह गया है।
रानीपुर थाना घोड़ाडोंगरी क्षेत्र में इस खेल के बढ़ते कारोबार का अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि महिलाएं एवं बच्चे भी दिन-रात अंकों के जाल में उलझे दिखाईं देने लगे हैं। मुख्य खाईवाल के एजेंट जो पट्टी काटते हैं, गली-कूचे, मोहल्ले से में आसानी से पट्टïी काटते नजर आते हैं। इनमें से कुछ आदतन किस्म के लोग घोड़ाडोंगरी सहित अन्य क्षेत्रों में खुलेआम पट्टïी काटकर एवं मोबाइल के माध्यम से भी इस अवैध कारोबार को संचालित कर लोगों की गाढ़ी कमाई पर डाका डाल जा रहा हैं। जिसकी जानकारी शायद पुलिस को छोड़कर सभी को है। चुके सट्टा के हिसाब-किताब की जगह समय समय पर बदल कर मुख्य तस्कर अपनी चतुराई का भी परिचय देने की कोशिश कर रहा हैं। सूत्रों की मानें तो रानीपुर में अवैध कारोबार का हिसाब-किताब प्रत्येक शनिवार को किया जा रहा है। कुछ लोग ‘अचूक, और अन्य नामों से भी घोड़ाडोंगरी मे बे खौफ चला रहे हैं। चुकी बेरोजगार युवाओं को मोटे कमीशन का लालच देकर इस अवैध कारोबार में उतारा जा रहा है। आगे चलकर यही युवा अपराध की ओर अग्रसर हो जाते हैं। शिकायत होने पर जब पुलिस अभियान चलाती है तो सट्टा तस्करों को छोड़ अक्सर इन्हीं युवाओं के खिलाफ कार्रवाई कर खानापूर्ति कर लेती है। किंतू सट्टा तस्करों की मजबूत
पकड़ के चलते यह सब करने की जरूरत नहीं पड रही है। जहा तक
कानून का कोई भय किसी मे दिखाईं नहीं दे रहा है। चुके सट्टा माफिया की दिलेरी भी देखते बनती है, कि उसे कानून का कोई डर भय नहीं रह गया है। क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों को कानून के खेल पर कोई ऐतराज नहीं ऐसा प्रतित होता है। जिस कारण पुलिस की भूमिका पर खड़े हो रहे सवाल,
क्षेत्रीय बुध्दिजीवियों ने बताया कि सट्टा के अवैध कारोबार ने कई घरों को तबाह कर दिया है। सब कुछ जानते हुए भी पुलिस जिस प्रकार आंख बंद किए बैठी है, उससे पुलिस की भूमिका भी संदेहस्पद हैं। जबकि सट्टा पट्टी काटने वाले तक कानून के हाथ पहुंचते हैं, किंतू मुख्य तस्कर के खिलाफ कभी कोई कार्रवाई क्यों नहीं की जाती, इस तरह के कई सवाल क्षेत्रीय आम जनमानस को दिखाईं दे रहा है। बात अगर रानीपुर घोड़ाडोंगरी की करें तो अलग-अलग तरह के खेलो पर खिलाडी दांव लगा कर सट्टा लगा सकते है। जो की नगर में सट्टे का धंधा वर्षों से फल फूल रहा है। सट्टे की लत में कई बच्चो से लेकर बूढ़े तक बर्बाद होते दिखाई दे रहे हैं, तो कई लोगों को फुटपाथ पर लाकर खड़ा कर दिया है। शानदार जिंदगी और शानौ शोकत से जीवन बसर करने वालों कुछ लोगों को सट्टे के शौक ने इस कदर बर्बाद कर दिया है, की सामाजिक अपमान से बचने के लिए मुंह छिपाए हुए बैठे है, तो कुछ ने काफ़ी कुछ त्याग दिया है। इस काले धंधे पर अंकुश लगाने के लिए पुलिस की कार्रवाई भी मात्र औपचारिकता का हिस्सा बन कर रह गई है। नतीजतन रोजाना एक परिवार इस काले धंधे का शिकार हो कर बर्बादी की राह पर धकेले जा रहा हैं। इस धंधे में कई नामी हस्तियां जुड़ी होने की चर्चा घोड़ाडोंगरी नगर में चल रही हैं। सट्टा तस्कर के खिलाफ नगर के बुद्धि जीवियों द्वारा आवाज़ उठाने के बाद भी सट्टा खुले तौर पर चल रहा है।
*इनका कहना है*
नगर मे चल रहे सट्टा पट्टी काटने वालों पर करवाही लगातर चल रही है।
चाहें पुराने हॉस्पिटल चौक सलून की दुकान, बाजार ढाना, रेलवे स्टेशन के सामने, घोड़ाडोंगरी बस स्टैंड, या ग्राम पिंपरी जैसे अन्य जगह पर करवाही कि जायेंगी। चुके क्षेत्र में सट्टा के अवैध कारोबार से पुलिस की छवि भी धूमिल हो रही है।
*चौकी प्रभारी आम्रपाली ड़हाट घोराडोंगरी*