July 6, 2025

शिक्षा के प्रति शिक्षक की लापरवाही, शिक्षा अधिकार की दिलेरी: डॉ. जाकिर शेख* 

*शिक्षा के प्रति शिक्षक की लापरवाही, शिक्षा अधिकार की दिलेरी: डॉ. जाकिर शेख* 

*बीआरसीसी पी.सी. बोस ने कहा शिक्षक की हटधर्मी को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा, घोड़डोंगरी* 

 

*घोड़ाडोंगरी/* शासकीय प्राथमिक  

शाला ग्राम शोभापुर मे इंग्लिश विषय के शिक्षक मिलन सिंग सिसोदिया मूलरूप से 2007 में पदस्थ हुए थे। जिनकी उपलब्धियां गिनाई नही जा सकती है। चुकी घोडाडोंगरी शिक्षा अधिकारी की छत्र छाया के चलते बीते साल से शिक्षा अधिकार के कार्यलय में जमे हुए दिखाई देते है। वही ग्राम शोभापुर में प्राथमिक शाल मे बीते साल से शिक्षा के नाम पर छात्रों के संग भद्दा खिलवाड़ किया जा रहा है। जबकि शिक्षा अधिकार विकासखण्ड के स्कूलों के साथ काम कर जिला, राज्य और राष्ट्रीय शिक्षा पहलों को बढ़ावा देने मे अहम किरदार निभाते हैं, न कि शिक्षकों को मूल शाला से दूर कर अपने कार्यलय में पदस्थ कर सेवा का सुख भोगता हैं।

जबकि एक अच्छे शिक्षक का दायित्व बनता है, कि छात्रों के भविष्य को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई जाए, शिक्षक न केवल ज्ञान और कौशल प्रदान करने के लिए जिम्मेदार हैं, बल्कि शिक्षक का यह भी कर्तव्य है, कि छात्र छात्रा को मार्गदर्शन और सहायता प्रदान कर विद्यार्थियों को एक अच्छा इंसान बनने में मदद करें। यदि एक अच्छा और सच्चा शिक्षा अधिकार है, तो वह शिक्षक का मूल्यांकन शिक्षक के कर्मों से करेंगा, न कि शिक्षा अधिकार के कार्यलय में कितने महिने, कितने दिन या साल सेवा मे गुजारे। किंतु शिक्षा कार्यलय घोड़ाडोंगरी में बदस्तूर इंग्लिश विषय के शिक्षक श्री मिलन सिंग सिसौदिया की सेवा जारी है। जिसे देखते हुए आज बीआरसीसी श्री पी.सी. बोस ने कहा कि तीन दिन का सफर 365 का कैसा हो गया, साल बीत चुका, लेकिन शिक्षक मिलन सिंग सिसौदिया के तीन दिन खत्म नहीं हुए। जिसे आज ही कारण बताओ नोटिस भेजा जायेगा। चुकी मुझे याद है, कि सिर्फ तीन दिन के लिए आपातकाल स्थिति को देखते हुए शिक्षा अधिकार के कहने पर शिक्षा कार्यलय घोड़ाडोंगरी में पदस्थ किया गया था, न कि सालों के लिए, इसे शिक्षक मिलन सिंग सिसौदिया की शाला और छात्रों के प्रति गैर जिम्मेदाराना व्यवहार समझा जाता है, जिसकी जांच कर कार्यवाही की जाएंगी। जबकि एक अच्छे शिक्षक का फर्ज बनता है, कि कक्षा में सफलता पूर्वक अपने छात्रों के साथ सकारात्मक संबंध बनाना, अपने छात्रों को व्यक्तिगत रूप से जानने, छात्रों की ताकत और कमज़ोरियों को समझने और जहाँ आवश्यक हो वहाँ व्यक्तिगत सहायता प्रदान करने का लक्ष्य रखना चाहिए। शिक्षक को नियमित रूप से छात्रों के साथ संवाद करना चाहिए, उनकी चिंताओं को सुनना चाहिए और मिलनसार बनकर सहायक करना चाहिए। इससे एक सकारात्मक शिक्षण वातावरण बनाने में शिक्षक को मदद मिल सकती है, जहाँ छात्र प्रेरित होकर राहत महसूस करते हैं, और करेंगे। एक शिक्षक के रूप में, आपके पास अपनी दिनचर्या में अपने पेशेवर विकास को जारी रखने की जिम्मेदारी है, जैसे कि नवीनतम शिक्षण विधियों, प्रौद्योगिकियों और शैक्षिक अनुसंधान के साथ अद्यतित रहने का लक्ष्य रखना चाहिए, साथ ही अपने स्वयं के अभ्यास पर भी विचार करना चाहिए, सहकर्मियों और छात्रों से प्रतिक्रिया लेनी चाहिए, और सुधार के लिए किसी भी क्षेत्र को संबोधित करने के लिए कदम दर कदम उठाने चाहिए। यह आपको एक शिक्षक के रूप में विकसित होने और अपने छात्रों को सर्वोत्तम संभव शिक्षा प्रदान करने में बड़े पैमाने पर मदद कर सकता है, न कि शाला को छोड़ शिक्षा अधिकार के कार्यलय मे जी हुजूरी कर छात्रों के जिंदगी से खिलवाड़ करना एक शर्मनाक कृत्य है, इसे शिक्षक और शिक्षा अधिकार को समझना होगा।

Suneel

यूपी एडिटर सुनील कुमार तिवारी उत्तर प्रदेश हेल्पलाइन नंबर 95808 49294/9336195811/9336477592

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