*पेयजल की समस्या पीएचई विभाग के दत्तक पुत्र ठेकेदार की देन, डॉ शेख जाकिर*
*भीमपुर:* सरकार की घर घर नल, घर घर जल को लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के अधिकारी व ठेकेदार पलीता लगाने में लगे हुए है, इस कटु सत्य से इनकार करना ग्रामिणो की स्थिती को देखते हुए बेमानी होगी। चुके भीमपुर क्षेत्र के ग्राम पंचायत कास्मारखंडी के ग्राम जड़िया में नल जल योजनाएं स्वीकृत हुई है। जिस का निर्माण कार्य कछुआ की चाल की तरह चला। लेकिन जनपद पंचायत भीमपुर अंतर्गत ग्राम पंचायत कास्मारखंडी में लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग में बैठ आका के दत्तक पुत्र ठेकेदार की हिटलर शाही के चलते घर घर नल, घर घर जल योजना को पलीता लगा रहें, खामियाजा ग्रामीणों को भूगतान करना पड़ रहा है। चुके सरकार की घर घर नल, घर घर जल योजना की धज्जियां ठेकेदार व लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग भीमपुर के अधिकारियों की लापरवाही के कारण पिछले 10, 12दिन से ग्रामीणों को नल जल योजना का बराबर लाभ नहीं मिल पा रहा हैं। भीमपुर ब्लॉक के अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायत कासमारखण्डी के ग्राम जडीया (रोजडीखेडा) में प्रधानमंत्री नल-जल योजना का कार्य विगत कई वर्षों से अधूरा पड़ा हुआ है, ग्रामीणों को पेयजल की समस्या से जन जीवन ग्रामीणों का अस्त व्यस्त हो गया है। किन्तु पीएचई विभाग की दिलेरी एवं ठेकेदार कि तानाशाही के चलते पीएचई बैतूल में विराजमान कुंभ करणीय नींद में दिखाईं देने लगे हैं। जिला प्रशासन के क्या कहने, ग्रामीणों की समस्या पर नज़र नहीं डाल पा रहें है। पीएचई विभाग की दिलेरी की बात करें तो वर्तमान के लिए नल जल योजना का जो बोर था उसे ग्रामीणों को जहां से पानी मिल रहा था उस बोर की मोटर जल गई थी। उक्त मोटर को दुरुस्ती के लिए ग्रामीणों के द्वारा भिजवाया गया था, उक्त मोटर पुरी तरह से दुरुस्त होकर तयार है, किन्तु “बिल 9 हजार सात सौ रुपए” मिस्त्री का भुगतान ठेकेदार द्वारा नहीं किया गया। जिस कारण जडीया (रोजडीखेडा) के ग्रामीण पड़ोसी ग्राम से अपने दिनचर्या के लिए पानी लाने के लिए मजबूर हैं, लगभग 2 से 3 किलोमीटर प्रति दिवस ग्राम की महिला, पुरुष और बच्चें पीएचई विभाग की अनदेखी का नतीजा ग्रामीण परेशान हो रहे हैं। जबकि कई बार ग्राम पंचायत सरपंच के द्वारा ठेकेदार को लिखित एवं सेल फोन के माध्यम से भी अवगत करा चुके हैं, एवं मोटर को ठीक कर के नल जल योजना का कार्य चालू करने के लिए भी कहा गया, पर लगभग 10 से 12 दिन हो चुके किन्तु ठेकेदार की ठेकेदारी का इस हर हर मोदी घर घर नल जल की ओर किसी तरह का कोई सरोंकर दिखाईं नही दे रहा है। वही ठेकेदार द्वारा संम्प वेल बनाया गया था, उसकी दुर्दशा देखते बनती है, जिसकी लिपाई पुताई को ग्रामीणों के मत्थे मड दिया ऐसा प्रतित होता है। ग्राम जड़ियां के बच्चों पर शिक्षा का बडा संकट सामने खड़ा हो चूका है। चुकी प्रति दिवस 2से 3 किलोमीटर से ग्रामीणों के बच्चें पीएचई विभाग की नाकामी के चलते पेयजल का परिवहन करते हैं। चुकी बच्चों को अक्सर अपने परिवार के लिए पानी इकट्ठा करने की ज़िम्मेदारी उठानी पड़ती है, और पड रही है। उपरोक्त समस्या के चलते स्कूल और खेल किर्डा के लिए समय नहीं रहता है। जिस कारण बच्चें स्कूल में सही समय पर नहीं पहुंच पा रहे हैं। जबकि सुरक्षित पेयजल एक स्वस्थ बच्चे के विकास के लिए महत्वपूर्ण है, इस के बिना, पानी से संबंधित बीमारियाँ अक्सर बच्चों को स्कूल से दूर रखती हैं। सुरक्षित पानी और स्वच्छता तक पहुँच इसे बदल देती है, जिससे बच्चों को स्कूल के लिए समय और स्वास्थ्य मिलता है। पानी इकट्ठा करने में लगने वाले समय में कमी से स्कूल में उपस्थिति बढ़ती है, खासकर लड़कियों के लिए, सुरक्षित पानी तक पहुँच बच्चों को खेलने का समय और उज्ज्वल भविष्य का अवसर देती है। किन्तु पीएचई विभाग के दत्तक पुत्र ठेकेदार के हिटलर शाही के चलते ग्राम जडीया के बच्चें से लेकर बूढ़े तक पेयजल आपूर्ति के कारण परेशान हैं, प्रशासन है मौन, जिम्मेदार कौन ग्रामीण, पीएचई विभाग, या ठेकेदार।