*समाजसेवी रिंकू रितेश चौरसिया ने शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद से किए प्रश्न*
*हिंदू कुल में जन्म लिया सनातनी होने के नाते प्रश्न पूछने का पूर्ण अधिकार*
डॉ. जाकिर शेख
*छिंदवाड़ा/* तूफानी अंदाज में नज़र आए समाज सेवी रिंकू रितेश चौरसिया। साई बाबा मूर्ति को हटाने के संदर्भ में महामहिम राष्ट्रपति को ज्ञापन देते हुए शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद से संक्षिप्त प्रश्न पूछे है। समाजसेवी रिंकू रितेश चौरसिया ने अपने द्वारा किए गए समस्त प्रश्नों के चलते क्षमा याचना करते हुए कहा मेरे मन मस्तिष्क बुद्धि से किए गए इन प्रश्नों से किसी की आत्मा को आहत पहुंचाना मेरा कोई उद्देश्य नहीं और किसी की आत्मा आहत ठेस पहुंचती हो उसके लिए मैं क्षमा याचना करने हुए, जिले के सक्रिय समाजसेवी रिंकू रितेश चौरसिया ने आज हमारे संवाददाता को बताया कि भारत देश में शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद द्वारा मंदिरों से साईं प्रतिमा को हटाने का कार्य किया जा रहा है। जिसके चलते हम परासिया के साईं भक्तों ने देश की महामाहीम राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन दिया है। क्योंकि हम वर्षो से साईं बाबा पर अपनी आस्था श्रद्धा एवं पूर्ण विश्वास रख उनकी पूजन करते हैं। मंदिरों से प्रतिमा हटाने के इस कृत्य से हमारी आत्मा एवं भावना आहात हो रही हैँ। आज इसी संदर्भ में सक्रिय समाज सेवी रिंकू रितेश चौरसिया ने जगतगुरु शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद से अपने कुछ व्यक्तिगत प्रश्न किया हैँ.. जैसे अयोध्या में श्री राम लल्ला मंदिर शुभारंभ के शुभ अवसर पर आपका आगमन क्यों नहीं हुआ, आखिर कौन सी नफरत थी आपको श्री राम भगवान जी से, जो गौ हत्याओ कों नहीं रोक पा रहे बयान देकर बनारस में अपने आदमीयों कों पहुंचवा कर मोदी के खिलाफ क्यों दुष्प्रचार करवाया, इसके पूर्व देश में ऐसी कौन सी राजनीतिक पार्टी ने गौ हत्या पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया था। आपके चार्टेड जेट प्लस विमान जिसका प्रति घंटे का किराया 4 लाख 80 हजार रुपए क्या ये भक्तो का दिए हुए दान का पैसा हैँ, इसका इतना बड़ा खर्च कौन वहन कर रहा है, साधु संतों को कौन सी आवश्यकता जेट प्लस विमान से चलने की है, हमने ऐसे भी संत देखें है जो बहुत कम में अपना काम चला लेते हैं एवं लोगों से सुविधाएं नहीं लेते, आप जैन मुनियों को देख सकते हैं, और सीख सकते हैं, आप तो चार्टेड जेट के साथ साथ ( दिलीप छाबड़िया) द्वारा डिजाइन की गई करोड़ों की वैनिटी वैन में घूमते हैं, क्यो, आपको जो पदवी प्राप्त हुई है, उस पर आपके अन्य समकक्ष सहपाठी गुरुओं ने क्यों उस पर कोर्ट केस किया हुआ है। क्या ये सत्य नहीं के आपको शंकराचार्य बनवाने में गांधी परिवार का महत्पूर्ण सहयोग रहा। एवं वैदिक नियमों का पालन भी नहीं हुआ, ऐसे में आपका पद तो अनेको शंकाओं के घेरे में आता है, गौ माता को राष्ट्रीय पशु की पदवी दिलवाने के लिए आप केरल, तमीलनाडु, कनार्टक और असम कांग्रेस शाषित राज्यों में क्यों नहीं काम कर रहे है, जहां सबसे अधिक गौ माता का मांस खुले रूप में बिकता, काटा और खाया जाता है, इन राज्यों में आपका आगमन कब तक होगा, यहां आप क्यों नहीं जाते, कांग्रेस के कुछ नेता गौ माता का मास खाने कों “फ्रीडम ऑफ चॉइस एंड राइट टु फूड” कह कर गौ माता का मास खाने का समर्थन करते हैं, कभी आपने उनके के खिलाफ एफआईआर दर्ज क्यों नहीं करवाई, बीफ (गौमांस ) खाने का समर्थन करने वाले नेता कांग्रेस में सबसे ज्यादा हैं, तो आप कभी कांग्रेस का बहिष्कार क्यों नहीं करते। क्या गौ माता को राजमाता का दर्जा मिलने से गौ हत्या बंद हो जायेगी, क्या आपके गौ हत्या पर लोगो कों भड़काने के उपरान्त लिंचिंग जैसे मामले नहीं बढ़ेंगे, क्यों कि गौहत्या तभी बंद हो सकती है, जब सभी समाज के लोग इस बात पर सहमत हों, कि गौहत्या बंद होनी चाहिए, आप आपके महाराष्ट्र में गाय को राजमाता का दर्जा दिला दिया, मत लब ये मान लिया जाए कि महाराष्ट्र में एक भी गाय नहीं कटेगी, और अगर कट रही है, तो ये माना जाए कि राजमाता का दर्जा दिलाने से कुछ नहीं हुआ, केवल राजनेता टाइप काम कर के आपने झुनझुना पकड़ाने का काम किया, आप शंकराचार्य पीठ से विगत लगभग 25 वर्षो से जुड़े हुए हैं, इस प्रकार गाय बचाने का अभियान आपने पूर्व से क्यों नहीं चलाया, क्या आपको अब जाकर समझ आया कि गाय बचाना चाहिए, विगत 25 वर्षो से अब तक क्यों गाय कों कटने दिया। क्या यह सच नहीं की उद्धव ठाकरे को आपने दोबारा मुख्यमंत्री बनने का आशीर्वाद दिया हैँ, इन्ही उद्धव ठाकरे ने मुख्यमंत्री रहते हुए, महाराष्ट्र के परभणी (पाथरी गावं) साईं के जन्म स्थान पर भव्य मंदिर बनवाने के लिए 100 करोड रुपए दिए हैँ, जो व्यक्ति साईं प्रेमी आप उसे मुख्यमंत्री बनना चाहते और जो अन्य साईं प्रेमीयों से आप मंदिरों की साईं प्रतिमा हटवा रहे हैं, यह दोगलापन क्यों। साईं प्रतिमाएं देश भर के मंदिरो में अमर अकबर इंथोनी फ़िल्म आने के बाद से रखी जाने लगी। आपके झोतेश्वर धाम के निकट के मंदिरों में (नरसिंगपुर, गोटेगाँव, सागर, गाडरवाडा, पिपरिया )में भी रखी गई थी, क्या विगत लगभग 30 वर्षो से शांकराचार्य पीठ इस विषय में सोता रहा,पीठ को मोदी राज में ही याद आया कि सांई बाबा सनातनी परंपरा के नहीं हैं , क्यों। क्या यह सच नहीं आपके कहने पर जब हिन्दू साईं मंदिरों का संचालन समितिओं, ट्रस्टों से हटने लगा, तो मंदिर से संबंधित प्रॉपर्टी, दान, नगद राशि, सोना, चांदी करोडो के चढ़ावे पर विधर्मीयों का कब्ज़ा होने लगा है, वे इसे मनमाने रूप से खर्च कर रहे हैँ, यह सब मिल्कियत वक्फ बोर्ड कों दिए जाने कि साजिश चल रही है। अगर विधर्मियों द्वारा यह सभी मिल्कियत वक्फ को जायेगी तो इसका जिम्मेदार कौन होगा।बागेश्वर धाम वाले पंडित धीरेंद्र शास्त्री को आपने पाखंडी कहा, एवं यह भी कहा सनातन धर्म में चमत्कार नहीं होते, जबकि सनातन धर्म चमत्कारों से परिपूर्ण हैँ। स्वयं आदि शंकराचार्य ने भी अनेकों चमत्कार किये हैं ,क्या आपके सनातन धर्म वाले इस बयान से सनातन धर्म की महिमा नहीं घटी, एवं आपके इस बयान से बाबा बागेश्वर के अनुआईयों के ह्रदय में ठेस नहीं पहुंची होंगी, पंडित धीरेन्द्र शास्त्री नेव रतमान में पिछले 3 साल में आप के शंकराचार्य पीठ से ज्यादा लोगों को धर्म परिवर्तन करने से बचाया , आप सनातन धर्म के लिए काम करने वाले पंडित को स्वीकार क्यों नहीं कर पा रहे, द्वेष या जलन भावना क्यों है। फेसबुक/ इंस्टाग्राम में आपको रील बनाने की क्या आवश्यकता है, आज तक के इतिहास में आपके पूज्नीय पद पर विद्यमान किसी भी शांकराचार्य को हमने रील बनाते और सस्ती लोकप्रियता बटोरते नहीं देखा, एवं हर दूसरे दिन टीव्ही पर बयान देने की क्या आवश्यकता, ये तो नेताओ का काम है, न कि संतो का कोई तो तप, जप, यज्ञ करते रहना चाहिए उन्हें अपनी यश कीर्ति बढ़ाने या प्रसिद्धि की लालसा से क्या मतलब। आपके पद पर विद्यमान देश में तीन अन्य शंकराचार्य पीठ पर पूज्य गुरु बहुत वर्षों से विराजमान है। किन्तु आपके जैसे वहियत बाजी कर मर्यादा को नहीं लांघ रहे है, ऐसा लगता है कि आप नेता बनना चाहते थे, लेकिन बन न सके तो अब भी आप के अंदर का नेता आपको चैन से बैठने नहीं दे रहा ।मंदिरों में प्रवेश करने के पूर्व आप साईं प्रतिमा को हटवा देते हैं, क्योंकि आप उस स्थान में जाना ही नहीं चाहते जहां साईं की प्रतिमा स्थापित हो, जबकि भारत गुरु प्रधान देश हैँ, गुरु ईश्वर प्राप्ति के लिए मार्गदर्शन करता है, साईं ने श्री राम श्री कृष्ण जी के जाप कि शिक्षा दी, विष्णु साहस्त्रनाम पढ़ने को अनिवार्य बताया। जब कुछ हिन्दू लोग उन्हें गुरु मानकर ईश्वर प्राप्ति में लगे तो आप सनातन का मुख्य ध्येय वाक्य वसुधैव कुटुंबकम् क्यों भूल गए हैं। आप कहते हैँ साईं के बारे में सनातन वेद पुराण में कुछ भी नहीं कहा गया, वेद पुराण अनादि काल के हैं, और साईं लगभग 1800 ईसवी के हैँ, ऐसे बहुत से संत महात्माओं का जिक्र वेदों में नहीं है, जो कि भारत में पूज्यनीय हैं, और आपके शंकराचार्य के पद के बारे में वेद पुराण में नहीं बताया गया है, तो आप पुराणों का नाम लेकर क्यों भ्रमित कर रहे हैं। सोनिया, प्रियंका गांधी, राहुल गांधी, दिग्गी राजा से आपके क्या संबंध है, एक संत कों एकाकी राजनीति पार्टी के नेताओ से क्या काम, इन के सनातन विरोधी कार्यो पर आप क्यों चुप्पी साध लेते हैं। हाल ही में जाति जनगणना द्वारा सनातन धर्म में नयी तरह से फूट डालने के काम का भी आपने विरोध नहीं किया, जबकि साफ नजर आ रहा है, कि जाति जनगणना की रिपोर्ट आते ही देश के गिद्ध राजनेता लोगों को जाति के आधार पर और भड़काएंगे। जिस समय कांग्रेस पार्टी हिंदुओं को भगवा आतंकी घोषित करने में लगी थी, तब भी आपका शंकराचार्य पीठ चुप क्यों था। विगत 30 सालों से बॉलीवुड में हिंदुओं को अपराधी दिखाया जा रहा है, कभी पंडित तो कभी क्षत्रिय चरित्र को नेगेटिव कैरेक्टर में दिखाते हैं, लेकिन सनातन के झंडाबदार रही शंकराचार्य पीठ से इस पर आपत्तियां दर्ज नहीं की गई, आपकी शंकराचार्य पीठ 30 साल में भी जागी नहीं , अभी हाल ही में समाचार पत्र में आया कि आपने कोई धर्म सेंसर बोर्ड बनाया , लेकिन वह केवल कागजों तक ही सीमित रहा ,उसका असर किसी फिल्म डायरेक्टर पर नहीं हुआ। जो काम 30 साल से चल रहा था, उसे आप पहले क्यों नहीं भांप पाए जबकि जगतगुरु की पदवी लेकर चल रहे थे, आप या आपके गुरु। सबसे महत्वपूर्ण बात कि देश में हिंदुओं की जनसंख्या कम हो रही है, एजेंडे के तहत हिंदूओं का धर्म परिवर्तन कराया जा रहा है, लव करके सूटकेस में बांधने जैसे षड़यंत्र हिंदू जेनरेशन को समाप्त करने के षड़यंत्र हैं, और कांग्रेस पार्टी व इंडीया गठबंधन इसको बढ़ावा देता है। जब हिंदू ही खत्म हो जाएगा तो आपके पद को मानने वाला कोई नहीं रहेगा, शंकराचार्य का सम्मान करने वाला भी नहीं रहेगा, क्या आपको नहीं लगता, है कि इन ताकतों के खिलाफ आपको व्यापक अभियान चलाना चाहिए था।जबकि आप इस तरह के लोगों का बहिष्कार तक नहीं करते। धर्म परिवर्तन की जड़ में पश्चिमी देशों की शिक्षा है, यानि चर्च के स्कूल. इन स्कूलों ने देश के शिक्षा जगत पर व्यापक कब्ज़ा किया है ,तो शंकराचार्य पीठ को कभी ये बात क्यों समझ आई कि सनातन शिक्षा को बढ़ावा देने वाले स्कूलों को खोला जाए। पूरे देश में 650 ज़िले है, लगभग इनमें से किन्हीं 20 जिलों के नाम बता दीजिए जहां शंकराचार्य पीठ स्कूलों का संचालन हो, या आप ये बता दे कि सनातन की शिक्षा देने वाले सरस्वती विद्या मंदिर स्कूलों के लिए कभी आपने धन की व्यवस्था करवाई हो, धनाभाव में उनकी कमर टूट गई, लेकिन आपकी शंकराचार्य पीठ ने उस पर ध्यान नहीं दिया,उल्टा आपकी पीठ ने सरस्वती शिशु मन्दिरों से आतंकवादी निकलने का झूठा बयान देने वाले दिग्विजय सिंह का समर्थन किया।
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